Onion Export पर लगाए गए 40% ड्यूटी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन पर सरकारी की सफाई, कहा- इस वजह से उठाया ये कदम
Onion Prices: सरकार ने कहा कि प्याज (Onion Prices) पर 40% एक्सपोर्ट ड्यूटी (Export Duty) लगाने का फैसला घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए समय पर उठाया गया कदम है.
Onion Prices: प्याज निर्यात पर लगाए गए 40% ड्यूटी के खिलाफ महाराष्ट्र के नासिक जिले में कई स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के बीच सरकार ने बड़ा बयान दिया है. व्यापारी भी ड्यूटी लगाए जाने के विरोध में हैं. सरकार ने कहा कि प्याज (Onion Prices) पर 40% एक्सपोर्ट ड्यूटी (Export Duty) लगाने का फैसला घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के लिए समय पर उठाया गया कदम है.
केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने को बताया, प्याज पर एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाना कोई समय से पहले लिया गया फैसला नहीं है. बल्कि घरेलू उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए यह समय पर किया गया फैसला है. सिंह ने कहा कि परिस्थिति की मांग होने तक सरकार चुनिंदा राज्यों में थोक और खुदरा दोनों बाजारों में बफर स्टॉक का प्याज (Onion Buffer Stock) जारी कर मामले में हस्तक्षेप करेगी.
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प्याज की कीमतों को काबू में रखना मकसद
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केंद्र ने शनिवार को कीमत में बढ़ोतरी के संकेतों के साथ-साथ एक्सपोर्ट में बढ़ोतरी के बीच प्याज के निर्यात पर 40% ड्यूटी लगाया. पहली बार प्याज पर Export Duty लगाने के फैसले का उद्देश्य त्योहारों से पहले रसोई की मुख्य सब्जी, प्याज की कीमतों को काबू में रखना है.
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमतें लगभग 40 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है. सिंह ने कहा कि फिलहाल सरकार दिल्ली, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और असम में बफर स्टॉक से प्याज जारी कर रही है.
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25 रुपये किलो बेचा गया प्याज
उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों में दिल्ली-एनसीआर में 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर 2,500 टन प्याज बेचा गया. केंद्र का फैसला प्याज निर्यात में ग्रोथ से भी प्रेरित था. इस वित्त वर्ष में 1 अप्रैल से 4 अगस्त के बीच देश से 9.75 लाख टन प्याज का निर्यात किया जा चुका है. कीमत के लिहाज से शीर्ष तीन आयातक देश बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात हैं.
APMC में प्याज की थोक बिक्री अनिश्चित काल के लिए बंद
इससे पहले दिन में, व्यापारियों ने नासिक जिले की सभी कृषि उपज बाजार समितियों (APMC) में प्याज की थोक बिक्री अनिश्चित काल के लिए बंद करने का फैसला किया. इसमें लासलगांव भी शामिल है, जो भारत में सबसे बड़ा थोक प्याज बाजार है. हालांकि, एपीएमसी सूत्रों ने कहा कि प्याज की नीलामी विंचूर में हुई, जो उसी जिले में है.
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2 लाख टन अतिरिक्त प्याज खरीदेगी सरकार
Export Duty लगाने के अलावा, केंद्र सरकार ने रविवार को घोषणा की कि वह इस साल कुल 5 लाख टन का बफर स्टॉक बनाए रखने के लिए 2 लाख टन अतिरिक्त प्याज खरीदेगी. चालू वित्त वर्ष के लिए प्याज के बफर का लक्ष्य तीन लाख टन रखा गया है. इसकी खरीद पहले ही हो चुकी है. मौजूदा समय में, स्थानीय उपलब्धता में सुधार और कीमतों में बढ़ोतरी रोकने के लिए चुनिंदा राज्यों के लक्षित बाजारों में बफर स्टॉक का प्याज बाजार में लाया जा रहा है.
PSF के तहत बनाए रखा जाता है बफर स्टॉक
भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (NCCF) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ (NAFED) को प्रमुख उपभोग केंद्रों में खरीदे गए स्टॉक के सुनियोजित निपटान के साथ-साथ अतिरिक्त खरीद लक्ष्य प्राप्त करने के लिए एक-एक लाख टन की खरीद करने का निर्देश दिया गया है. अगर कम आपूर्ति वाले मौसम के दौरान दरें काफी बढ़ जाती हैं, तो किसी भी आपात स्थिति को पूरा करने के लिए प्राइस स्टेबलाइजेशन फंड (PSF) के तहत बफर स्टॉक बनाए रखा जाता है.
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बफर स्टॉक से प्याज के बाजार में लाये जाने के बारे में, मंत्रालय ने कहा था कि यह पहले ही राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के उन प्रमुख बाजारों में शुरू हो चुका है, जहां खुदरा कीमतें अखिल भारतीय औसत से ऊपर हैं और/या पिछले महीने की तुलना में काफी अधिक हैं. प्रमुख बाजारों में जारी करने के अलावा, बफर स्टॉक का प्याज 21 अगस्त से प्रमुख बाजारों में खुदरा दुकानों और एनसीसीएफ के मोबाइल वैन के माध्यम से खुदरा उपभोक्ताओं को 25 रुपये प्रति किलो की रियायती दर पर उपलब्ध कराया जा रहा है.
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07:56 PM IST